Dabangg 3 Movie Review : indianexpress ndtv rediff Firstpost Aajtak Review
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Dabangg 3 movie review: Dabangg 3, which has a long back-story of how Chulbul came to be called Chulbul, is not just a dreary mish-mash of the previous ones, it is also a cringe-fest.
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Early in Dabangg 3, Salman Khan's character is chatting with his subordinates when he makes what may seem like a throwaway remark, "...hum class aur mass, dono ke liye kaam karte hai" (I work for the classes and the masses). Since "class" and "mass" are words used by the Hindi film industry to informally categorise sections of the audience, this is obviously more than just a casual comment - it is an allusion to Khan's success across social strata since he turned out the blockbuster Wanted in 2009.
Rating: 1.5 (out of stars)
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सलमान, सलमान, सलमान... ये 3 चीजें ही दबंग 3 में 2 घंटे 45 मिनट तक नजर आएंगी. इसलिए ये तय है कि अगर आप सलमान के फैन हैं तो फिल्म में आपको कोई कमी नजर नहीं आने वाली है. लेकिन एक बेहतरीन फिल्म की रिलीज का इंतजार वीकेंड को शानदार बनाने के लिए कर रहे हैं तो संभल जाएं ये फिल्म दिमाग में खिचड़ी पका देगी. इस बात को समझाने के लिए सलमान का ही डायलॉग काफी है कि हम दिल में आते हैं समझ में नहीं.
dabangg 3 review in hindi- दबंग 3 मूवी रिव्यू
कहानी: कहानी की शुरुआत ऐक्शन और कॉमिक अंदाज में होती है, जहां चुलबुल पांडे (सलमान खान) एक शादी में लूटे गए सोने के गहनों को गुंडों से बचाकर उसे वापस दिलवाता है। इस केस को सुलझाते हुए चुलबुल का सामना खूंखार माफिया सरगना बाली (सुदीप किच्चा) से होता है, जहां चुलबुल को अतीत के अपने वे तमाम घाव याद आ जाते हैं, जो अभी भी हरे हैं। बाली ही वह दरिंदा था, जिसने पास्ट में चुलबुल से सबकुछ छीन लिया था। अब जबकि बाली एक बार फिर चुलबुल की जिंदगी में तबाही लाना चाहता है, तो चुलबुल के लिए जरूरी हो जाता है कि वह अपनी वर्दी के फर्ज के साथ-साथ परिवार की भी रक्षा करे।
अपनी पत्नी रज्जो (सोनाक्षी सिन्हा) से मिलने से पहले चुलबुल खुशी (सई मांजरेकर) से मोहब्बत करता था। असल में चुलबुल की मां (डिंपल कपाड़िया) ने खुशी को चुलबुल के भाई मक्खी (अरबाज खान) के लिए पसंद किया था, मगर मक्खी को शादी करने में कोई रुचि नहीं थी, तो चुलबुल और दहेज परंपरा के खिलाफ जाकर अपनी मंगेतर खुशी को डॉक्टर बनाने के लिए कटिबद्ध है, मगर तभी उनके प्यार पर ग्रहण लग जाता है। बाली की नजर खुशी पर पड़ती है और वह खुशी को पाने के लिए उतावला होकर कुछ भी करने पर आमादा है। बाली ने चुलबुल के साथ अतीत में ऐसा क्या किया था कि चुलबुल के लिए हिसाब चुकाना जरूरी था? क्या वह बाली से बदला ले पाएगा? क्या वह अपने फर्ज पर कायम रह पाएगा? यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
क्यों देखें-सलमान खान के फैंस और मसाला फिल्मों के शौकीन यह फिल्म देख सकते हैं।
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