Narendra modi suvichar- नरेन्द्र मोदी जी के प्रेरणादायक कथन -Marks और मार्कशीट का एक सीमित उपयोग है। जीवन में आपके Knowledge काम आने वाला है, Skill काम आने वाली है, आत्मविश्वास काम आने वाला है, संकल्पशक्ति काम आने वाली है।
हर नागरिक को यह महसूस होना चाहिए कि यह देश मेरा है, मुझे देश के लिए काम करना है और देश की विकास यात्रा में मुझे भी योगदान देना है।
भारत की शक्ति तीन D में निहित है : 1. डेमोक्रेसी, 2. डेमोग्राफी, 3. डिमांड
हम परीक्षा को जीवन-मरण का सवाल बना लेते हैं, जबकि परीक्षा केवल आपके साल भर की पढाई की है। ये आपके जीवन की कसौटी नहीं है।
जब कोई व्यक्ति यह तय कर ले कि उसे कुछ हासिल करना है, तो उसे कोई भी रोक नहीं सकता। यह लोगों की शक्ति का प्रमाण है। देश का निर्माण सरकार या प्रशासन या कोई नेता नहीं करता है, देश का निर्माण इसके नागरिकों की ताकत से होता है।
मैं सभी माता-पिता से अनुरोध करता हूँ कि वे अपने बच्चों की उपलब्धियों को सोशल स्टेटस न बनाएं। दूसरों बच्चों से अपने बच्चों की तुलना मत करें। आपके बच्चे के अन्दर जो सामर्थ्य है उसे पहचानिए। अंक और परीक्षा जीवन का आधार नहीं है।
शाम के समय अपना Football, Volleyball या कोई भी खेलकूद का साधन लेकर गरीब बस्ती में चले जाएँ। उन गरीब बालकों के साथ खुद खेलिए। आप देखिएगा शायद ज़िन्दगी में खेल का ऐसा आनन्द पहले कभी नहीं मिला होगा।
पढाई और ज्ञान केवल नौकरी के उद्देश्य तक सीमित नहीं होनी चाहिए बल्कि यह लोगों में सामजिक जिम्मेदारी, राष्ट्र और मानवता की सेवा की आदत विकसित करने वाली होनी चाहिए। यह समाज और राष्ट्र में बुराइयों को समाप्त करने वाली होनी चाहिए। यह शांति के साथ-साथ देश की एकता और अखंडता के सन्देश के प्रसार का माध्यम होनी चाहिए।
भारत के युवा देश की समस्या का समाधान निकालना चाहते हैं। वे जल्दी परिणाम चाहते हैं। वे ऊर्जा और उत्साह से लबरेज हैं और ये ऊर्जा देश के लिए बेहतरीन परिणाम लेकर आएगा।
सवा सौ करोड़ देशवासी अगर संकल्प करें, संकल्प को सिद्ध करने के लिए राह तय करें, एक-के-बाद-एक कदम उठाते चलें तो New India, सवा सौ करोड़ देशवासियों का सपना, हमारी आँखों के सामने सिद्ध हो सकता है।
Depression मानसिक और शारीरिक बिमारियों का कारण बन जाता है। जैसे Diabetes हर प्रकार की बीमारी का यमजान बन जाता है वैसे डिप्रेशन भी टिकने की, लड़ने की, साहस करने की, निर्णय करने की, हमारी सारी क्षमताओं को ध्वस्त कर देता है।
नरेन्द्र मोदी जी के प्रेरणादायक कथन
पहले चर्चा हो रही थी कि कितना गया। अब चर्चा ये हो रही है कि कितना आया। यही तो बदलाव है।
हमें आजादी की लड़ाई में मरने का सौभाग्य नहीं मिला। लेकिन हमें देश के लिए जीने का और देश सेवा करने का सौभाग्य मिला है।
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